इंडियन प्रीमियर लीग भारत का घरेलू टूर्नामेंट है इस बार टूर्नामेंट में क्या कोई भारतीय खिलाड़ी ओरेंज कैप का हकदार बनेंगा.
इंडियन प्रीमियर लीग भारत का घरेलू टूर्नामेंट है और इसमें सर्वाधिक भारतीय खिलाड़ी भाग लेते हैं लेकिन पिछले पांच साल में सचिन तेंदुलकर को छोड़कर कोई भी अन्य भारतीय किसी एक टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज को मिलने वाली ओरेंज कैप हासिल नहीं कर पाया है.
क्या इस बार भारतीय खिलाड़ी ओरेंज कैप का यह मिथक तोड़ पाएंगे. पिछले तीन टूर्नामेंट में भारत के बल्लेबाजों का प्रदर्शन अपेक्षाकृत अच्छा रहा है जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि इस बार कोई भारतीय शीर्ष पर भी पहुंच सकता है.
पहले आईपीएल में चोटी के छह बल्लेबाजों में केवल एक भारतीय गौतम गंभीर (534 रन बनाकर दूसरे स्थान पर) शामिल था. इसके बाद 2009 में जब आईपीएल दक्षिण अफ्रीका में खेला गया तो शीर्ष आठ बल्लेबाजों में भारत से केवल सुरेश रैना (434 रन बनाकर चौथे स्थान पर) ही शामिल थे.
तेंदुलकर ने जब 2010 में ओरेंज कैप हासिल की थी तो उस साल चोटी के पांच बल्लेबाजों में चार भारतीय शामिल थे लेकिन 2011 में शीर्ष पांच बल्लेबाजों में केवल दो भारतीय ही जगह बना पाये थे. इनमें से विराट कोहली ने सर्वाधिक 557 रन बनाये थे. पिछले साल (2012) के टूर्नामेंट में कुछ स्थिति सुधरी तथा शीर्ष पांच में चार भारतीय जगह बनाने में सफल रहे थे. इनमें गंभीर (590 रन), शिखर धवन (569), अजिंक्य रहाणे (560) और वीरेंद्र सहवाग (495 रन) शामिल थे.
तेंदुलकर, कोहली, गंभीर, रैना, सहवाग, धवन, रहाणे जैसे खिलाड़ी इस बार भी खेल रहे हैं. इनमें से धवन के ओरेंज कैप हासिल करने की संभावना कुछ धुंधली पड़ गयी है क्योंकि उंगली में चोट के कारण वह शुरुआती मैचों में नहीं खेल पाएंगे. तेंदुलकर, गंभीर और सहवाग फिलहाल कुछ समय से अपनी सर्वश्रेष्ठ फार्म में नहीं दिख रहे हैं. वैसे ये तीनों पारी का आगाज करते हैं और इसलिए इनके पास अच्छा मौका रहेगा.
रैना को टी-20 के सफल बल्लेबाजों में शुमार किया जाता है. उन्होंने आईपीएल में अब तक 81 मैचों में सर्वाधिक 2254 रन बनाये हैं. गंभीर (2065) और तेंदुलकर (2047) भी उनसे ज्यादा पीछे नहीं हैं. इस सूची में इनके बाद जिन भारतीयों खिलाड़ियों का नंबर आता है उनमें रोहित शर्मा, सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी, राहुल द्रविड़ और कोहली का नंबर आता है.
रोहित आईपीएल में जब तब अच्छा प्रदर्शन करता रहे हैं. भारतीय कप्तान धोनी फिनिशर की भूमिका में आते हैं और इसलिए उनके पास बल्लेबाजी के लिये पर्याप्त समय नहीं होता है. रैना को हालांकि फिर से ऊपरी क्रम में खेलने का मौका मिल सकता है. इनके अलावा मुरली विजय भी अच्छी फार्म में चल रहे हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लगातार दो शतक लगाकर अपनी फार्म दिखायी है.
युवराज सिंह पिछले साल कैंसर के उपचार के कारण नहीं खेल पाये थे और वह इस बार इसकी भरपायी करना चाहेंगे. रहाणे का टेस्ट पदार्पण अच्छा नहीं रहा और वह आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करके राष्ट्रीय टीम में अपनी जगह बनाये रखने की कोशिश करेंगे.
कोहली कप्तानी का दबाव खुद पर नहीं पड़ना देना चाहेंगे. वह भी शीर्ष क्रम के बल्लेबाज हैं. इनके अलावा अंबाती रायुडु, मनदीप सिंह, मनोज तिवारी जैसे युवा बल्लेबाज भी मौके का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करेंगे.
लेकिन इसके साथ ही यह भी देखना होगा कि क्रिस गेल, जाक कैलिस, शेन वाटसन, एडम गिलक्रिस्ट, शान मार्श, तिलकरत्ने दिलशान, माहेला जयवर्धने, कुमार संगकारा, ब्रैंडन मैकुलम, रोस टेलर आदि का बल्ला कैसे चलता है. श्रीलंकाई खिलाड़ियों को चेन्नई में खेलने का मौका नहीं मिलेगा और इससे थोड़ा अंतर पड़ सकता है.
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